काल भैरव जयंती 2024: शिव के उग्र रूप की पूजा का विशेष दिन
काल भैरव जयंती 2024 का यह विशेष दिन भगवान शिव के उग्र और न्यायप्रिय रूप काल भैरव की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 22 नवंबर को मनाया जा रहा है। काल भैरव को बुरी शक्तियों का नाश करने वाला और भक्तों को सभी प्रकार के भय और बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला देवता माना जाता है।

22 नवंबर 2024 को काल भैरव जयंती का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन को भगवान शिव के उग्र और न्यायप्रिय रूप काल भैरव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है, और इस दिन की गई पूजा, दान, और अनुष्ठान विशेष फलदायी माने जाते हैं। काल भैरव जयंती 2024 पर ब्रह्म योग, इंद्र योग, और बालव करण योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में पूजा और दान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव का प्रकट होना एक विशिष्ट कथा से जुड़ा है। जब ब्रह्मा जी ने शिव का अपमान किया, तब उनके क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ। भैरव न केवल शिव के गुस्से का प्रतीक हैं, बल्कि बुरी शक्तियों और बाधाओं को समाप्त करने वाले रक्षक भी माने जाते हैं। काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव की पूजा से व्यक्ति अपने जीवन की परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।
पूजा का समय और विधि
काल भैरव जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 7 मिनट से आरंभ होकर रातभर चलता है। काशी के कोतवाल को रात्रिकालीन आराधना अधिक प्रिय मानी जाती है। इस दिन गोधूलि बेला में दीप जलाकर भैरव बाबा की पूजा की जाती है। काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए भक्त विशेष चीजें अर्पित करते हैं:
काले तिल: काले तिल को बुरी शक्तियों से बचाव का प्रतीक माना गया है।
सरसों के तेल का दीपक: यह दीपक जलाने से जीवन से अज्ञानता और अंधकार का नाश होता है।
काले वस्त्र: भैरव बाबा को काले वस्त्र चढ़ाने से दुर्भाग्य और कष्ट दूर होते हैं।
कुत्तों को भोजन: कुत्तों को दूध, रोटी, या मिठाई खिलाने से भय और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
लोहे के बर्तन का दान: लोहे के बर्तन, काले चने, गुड़, या वस्त्र का दान व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और समृद्धि लाता है।
दान का महत्व
दान करना काल भैरव को अति प्रिय है। यह न केवल पुण्य का कार्य है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि लाने का माध्यम भी है। खासतौर पर लोहे के बर्तन, भोजन, और धन का दान करने से ग्रह दोष शांत होते हैं।
भक्त इस दिन विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं
"ॐ कालभैरवाय नमः"
"ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्, भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि"
काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव न्यायप्रिय देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि काशी में उनका आशीर्वाद प्राप्त किए बिना कोई भी यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती। उनकी पूजा से व्यक्ति के सभी प्रकार के भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं।
काल भैरव जयंती 2024 केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और दान करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और पूरे वर्ष जीवन में सुख, समृद्धि, और सुरक्षा का आशीर्वाद देते हैं। इस पावन दिन पर भक्ति और श्रद्धा से किए गए अनुष्ठान निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
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