WEDNESDAY 23 APRIL 2025
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नौसेना की ताकत में हुआ इजाफा, मालपे और मुलकी मिलकर मचाएंगे तबाही

एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की तरफ से तैयार भारतीय नौसेना के लिए चौथे जहाज (बीवाई 526, मालपे) और पांचवें जहाज (बीवाई 527, मुल्की) कोचीन में लॉन्च किया गया।

Created By: NMF News
11 Sep, 2024
10:44 AM
नौसेना की ताकत में हुआ इजाफा, मालपे और मुलकी मिलकर मचाएंगे तबाही
बार्डर पर चीन और Pakistan की नापाक हरकतों को देखते हुए भारत अपनी सैन्य क्षमताओं में लगातार इजाफा कर रहा है।दुश्मन की हर गतिविधी पर नजर रखने और और मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत की सेना पूरी तरह तैयार है और भारत सरकार सेना की शक्तियों में लगातार बढ़होत्तरी करने में लगी है। इसी कड़ी में एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की तरफ से तैयार भारतीय नौसेना के लिए चौथे जहाज (बीवाई 526, मालपे) और पांचवें जहाज (बीवाई 527, मुल्की) कोचीन में लॉन्च किया गया। इस दौरान समुद्री परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, दोनों जहाजों को दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वीएडीएम वी श्रीनिवास और विजया श्रीनिवास भी मैजूद रहे। पूरी तरह स्वदेश में बने ये दोनों जहाज "आत्मनिर्भर भारत" पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।


माहे श्रेणी के ASW शैलो वाटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट पर सामरिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है। ये पूर्ववर्ती माइनस्वीपर्स की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, जिनके नाम पर ही इनका नाम रखा गया था।

रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 30 अप्रैल, 2019 को आठ ASW SWC जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।

माहे श्रेणी के जहाज़ों को स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवाटर सेंसर से सुसज्जित किया जाएगा। माहे श्रेणी के जहाज स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक पानी के नीचे सेंसर से लैस होंगे और इसे तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता के समुद्री संचालन (एलआईएमओ) तथा खदान बिछाने के काम के लिए तैयार किया गया है।

ASW SWC जहाज 1800 समुद्री मील तक की सहनशक्ति के साथ 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकते हैं। एसडब्ल्यूसी जहाज़ 1800 नॉटिकल मील तक की स्थिरता के साथ 25 नॉट की अधिकतम गति प्राप्त कर सकते हैं।

इन जहाजों का एक साथ जलावतरण 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में स्वदेशी जहाज निर्माण में भारत की प्रगति को दर्शाता है । ASW SWC जहाजों में 80% से अधिक स्वदेशी चीजें होगी, जिससे यह साबित होगा कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारत में ही हो रहा है। जिससे देश में रोजगार और भारत की नई ताकत का भी पता चलेगा।

नौसेना के लिए ऐसे कुल 16 जंगी जहाज बनाए जाएंगे। जिसमें से 8 गार्डेन रिच शिपबिल्डर्स और बाकि 8 कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड बना रही है। मालपे और मुलकी कोचीन शिपयार्ड के चौथे और पांचवें जहाज हैं इससे पहले INS माहे, INS मालवन और INS मंगरोल बनकर तैयार हुए।

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