FRIDAY 25 APRIL 2025
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दुश्मन के कलेजे को कंपा देने वाला ब्रिज लेइंग टैंक बनाएगा भारत, करेगा सफ़ाया

भारत सेना को जल्द अब ऐसे टैंक मिलने जा रहे हैं जो वॉर ज़ोन में दुश्मनों के मंसूबों को नेस्तानाबूद कर देगा…नदी को पार करना इस टैंक के लिए मिनटों का खेल होगा…जिससे अब पानी भी सेना के ऑपरेशन में बाधा नहीं बन सकता…ब्रिज लेइंग टैंक सेना की ताक़त में ज़बरदस्त बढ़ोतरी करने वाला है..

29 Jan, 2025
05:16 PM
दुश्मन के कलेजे को कंपा देने वाला ब्रिज लेइंग टैंक बनाएगा भारत, करेगा सफ़ाया
भारतीय सेना की बढ़ती ताक़त का एक और नमूना दुनिया के सामने आने वाला है।सीमा पर दुश्मन का कलेजा कंपाने वाला।चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों का काल नाम है T-72 ब्रिज लेइंग टैंक । रक्षा क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ते और एक मज़बूत शक्ति बनकर उभर रहे भारत को अब रोकने वाला कोई नहीं है। भारत सेना को जल्द अब ऐसे टैंक मिलने जा रहे हैं जो वॉर ज़ोन में दुश्मनों के मंसूबों को नेस्तानाबूद कर देगा। नदी को पार करना इस टैंक के लिए मिनटों का खेल होगा। जिससे अब पानी भी सेना के ऑपरेशन में बाधा नहीं बन सकता। ब्रिज लेइंग टैंक सेना की ताक़त में ज़बरदस्त बढ़ोतरी करने वाला है। रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 1561 करोड़ रुपये की डील फाइनल की है, जो भारतीय सेना को एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस करने और स्वदेशी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। साथ ही आत्मनिर्भर भारत का ये एक और बड़ा उदाहरण है। ब्रिज लेइंग टैंक भारतीय सेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।ये दुश्मन की सारी योजनाओं को तबाह कर सेना को तेज़ी से आगे बढ़ाने का रास्ता देगा। इसी के साथ जंग के दौरान नदी पर पुल बनाने की कैपेसिटी सेना की रणनीतिक ताक़त को कई गुना बढ़ा देती है। रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 47 ब्रिज लेइंग टैंकों के लिए हैवी व्हीकल्स फैक्ट्री, एवीएनएल के साथ ये डील की है।


क्या है ब्रिज लेइंग टैंक ? 


ब्रिज लेइंग टैंक एक खास तरह का बख्तरबंद वाहन है, जो वॉर के दौरान सेना को नदी , खाई या अन्य किसी बाधा को पार करने में मदद करता है।

ये टैंक पुल बनाने की तकनीक से लैस होता है, जिससे बख्तरबंद वाहन, भारी उपकरण और सेना की टुकड़ियां आसान से आगे बढ़ सकती हैं। 

इन टैंकों का यूज डिफेंसिव और एग्रेसिव दोनों मिशन में किया जाता है।इनकी मौजूदगी से सेना की स्ट्रैटजिक कैपेसिटी में इजाफा होता है।

ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे 'हैवी व्हीकल्स फैक्ट्री' (HVF) और 'आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिट डेवलेप करेंगे। 

दुश्मनों का कलेजा कंपा देने वाला ये टैंक बॉर्डर पर जब उतरेगा तो और बिना किसी बाधा के गर्जेगा तब चीन - पाकिस्तान के पसीने छूटेंगे। ड्रोन से लेकर ख़तरनाक हथियार आज भारत में बनाए जा रहे है। भारत अपने आप को रक्षा क्षेत्र में इतना मज़बूत कर रहा है। कि अब तो अमेरिका को भी चिंता होने लगी है। कि कहीं भारत उससे आगे ना निकल जाए। लेकिन दुनिया के देशों में भारत का दबदबा बढ़ रहा है। दुनिया आज भारत की ज़रूरत को समझती है। सिर्फ़ ब्रिज लेइंग टैंक ही नहीं हाई एल्टीट्यूड एरिया में स्वदेशी टैंक ज़ोरावर भी धूम मचा रहा अब इससे अंदाज़ा लगाइए कि आज भारतीय सेना की ताक़त क्या है।
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