कहानी पश्चिमी यूपी के सबसे ख़तरनाक गैंगस्टर सुनील राठी की Part-1
गैंगस्टर के इस ख़ास एपिसोड में आज हम आपको बताएंगे पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े गैंगस्टर सुनील राठी के जरायम की दुनिया में दस्तक देने और कुख्यात बनाने की कहानी के बारे में

देश का सबसे बड़ा सियासी राज्य उत्तर प्रदेश के लिए 90 का दशक काफ़ी महतवपूर्ण था। राजनीति में जहा गठबंधन धर्म की शुरुआत हो रही थी तो वही दूसरी तरफ़ राज्य का दो हिस्सा यानी पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में एक अलग ही हवा बह रही थी। ये हवा थी दबदबा बनाने की चाहे वो ठेकेदारी में हो या सरकार में। एक तरफ़ पूर्वांचल का हिस्सा था जहां माफ़िया और डॉन पंप रहे थे तो वही दूसरी तरफ़ पश्चिमी यूपी का हिस्सा था गैंगस्टर और सर्प शूटर वर्चस्व फैल रहा था। आज हम गैंगस्टर के इस ख़ास पेशकश में बात करेंगे पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े और कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी की। सुनील राठी के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, रंगदारी मांगने समेत लगभग 41 मुकदमे दर्ज हैं। फ़िलहाल सुनील राठी उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल जेल में बंद है और उसे सरकार ने अंतरराज्यीय माफ़िया भी घोषित है। पुलिस के मुताबिक़ इसका गिरोह काफ़ी सक्रिय है और कई राज्यों में फैला हुआ है। जिसके अपराधों को फ़ेहरिस्त भी काफ़ी लंबी है।
सबसे पहले आपको बताते है कुख्यात सुनील राठी के बारे में , सुनील राठी का जन्म 6 मई 1978 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक राजपूत परिवार में हुआ हालांकि कुछ रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि वो बागपत के टीकरी का रहने वाला है,उसने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। बागपत शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर एक गांव है टिकरी गांव पड़ता है, जहाँ फ़िलहाल सुनील राठी का परिवार रहता है, आइए आब आपको ले चलते है उस दौर में जब सुनील राठी के जरायम की दुनिया में आने की शुरुआत हुई या फिर यह कह सकते है कि उनसे जुर्म की दुनिया में क्यों दस्तक दी। वो साल 1983 का था, जब गांव में एक नेता बहुत तेजी उभर रहे थे नाम था नरेश राठी। वो कांग्रेस के नेता थे। जिनके दरवाजे पर जाने वाला कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता था। चाहे वो किसी भी जाति धर्म का हो।
बदले की आग ने बना दिया गैंगस्टर
टिकरी गांव से लेकर आस-पास के क्षेत्र में नरेश राठी की इतनी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही थी, वो 2-2 बार टीकरी नगर पंचायत के चेयरमैन हुए लेकिन लोकप्रियता की सीढ़ी चढ़ने के साथ साथ वो विरधियों की नजर में खटकने लगे और फिर एक दिन उनकी हत्या कर दी गई। यही दिन था जब मेरठ में पढ़ाई कर रहे एक लड़के की जिन्दगी बदल दी। जब ये हत्या हुई तब सुनील राठी की उम्र 16 या साढ़े सोलह साल की थी। पिता की हत्या की ख़बर ने सुनील को इंतकाम की आग में झोंक डाला तब पैदा हुआ कुख्यात सुनील राठी।
कब चर्चा में आया सुनील राठी।
11 जुलाई 2018 उसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक जिले बागपत की जेल में एक गैंगवार हुआ। माफिया और गैंगस्टर जेल में ही आमने सामने आ गए। कुछ ही मिनटों बाद खबर आई की माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को गोलियों से छलनी कर दिया गया है। ये ख़बर जैसे ही फैली उसके बाद ही यह जानकारी भी सामने आ गई कि मुन्ना बजरंगी की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी है। आपको बता दें सुनील राठी कभी मुन्ना बजरंगी के पैर छुआ करता था और उसने हीबजरंगी के सिर और सीने में 10-10 गोलियां खाली कर दी। अब सवाल ये उठता है कि आख़िर जो राठी, मुन्ना बजरंगी के पैर छूता था उसका सम्मान करता था लेकिन बागपत की जेल में रहते हुए ऐसी क्या बात हुई जो उसके मन में बजरंगी को जान से मारने की आग जल उठी। इस पूरी घटनाक्रम और गैंगस्टर सुनील राठी से जुड़े क़िस्सों को जानने के लिए देखिए NMF News का स्पेशल गैगस्टर एपिसोड -सुनील राठी
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