FRIDAY 25 APRIL 2025
Advertisement

SEBI का ऐतिहासिक फैसला: AOPs को अब मिलेगा डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने का अधिकार

SEBI: यह कदम भारतीय पूंजी बाजार में अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा में उठाया गया है। अब AOPs भी अन्य निवेशकों की तरह डीमैट अकाउंट में अपनी सिक्योरिटीज को रख सकते हैं, जिससे उनकी व्यापारिक गतिविधियों और निवेश की सुविधा बढ़ेगी।

SEBI का ऐतिहासिक फैसला: AOPs को अब मिलेगा डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने का अधिकार

SEBI: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOPs) को डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की अनुमति दे दी है। यह कदम भारतीय पूंजी बाजार में अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा में उठाया गया है। अब AOPs भी अन्य निवेशकों की तरह डीमैट अकाउंट में अपनी सिक्योरिटीज को रख सकते हैं, जिससे उनकी व्यापारिक गतिविधियों और निवेश की सुविधा बढ़ेगी। आइए जानते हैं इस फैसले के बारे में विस्तार से।

एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOPs) क्या होते हैं?

एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOPs) उन समूहों को कहा जाता है जो एक सामान्य उद्देश्य के लिए संगठित होते हैं और जिनमें व्यक्तिगत सदस्यों का एक साझा आर्थिक उद्देश्य होता है। ये AOPs व्यक्तिगत कारोबार या साझेदारी के रूप में काम कर सकते हैं और उनके पास सामान्य उद्देश्य या व्यापार होता है। पहले AOPs को भारतीय पूंजी बाजार में अपनी सिक्योरिटीज रखने की अनुमति नहीं थी, लेकिन SEBI के इस नए फैसले ने इन संगठनों को एक नया अवसर प्रदान किया है।

डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की अनुमति

SEBI ने इस फैसले के माध्यम से AOPs को अब डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की अनुमति दे दी है। डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसमें निवेशक अपनी सिक्योरिटीज (जैसे स्टॉक्स, बॉंड्स, म्युचुअल फंड्स) डिजिटल रूप में रखते हैं। इससे निवेशक बिना शारीरिक प्रमाण पत्र के अपने निवेश का ट्रैक रख सकते हैं और लेन-देन कर सकते हैं। अब AOPs को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा, जिससे उनका व्यापार और निवेश अधिक आसान हो जाएगा।

SEBI का यह कदम क्यों अहम है?

SEBI का यह कदम भारतीय पूंजी बाजार को और भी अधिक पारदर्शी और संगठित बनाने के लिए उठाया गया है। पहले AOPs को अपने सिक्योरिटीज को रखने के लिए शारीरिक रूप से प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी, जो कई बार असुविधाजनक और जोखिमपूर्ण हो सकता था। डीमैट अकाउंट के माध्यम से, अब AOPs अपनी सिक्योरिटीज को सुरक्षित रूप से डिजिटल रूप में रख सकते हैं, जिससे व्यापार में सुविधा और पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही, यह कदम भारतीय पूंजी बाजार में और अधिक निवेशकों को लाने की दिशा में मदद करेगा।

AOPs के लिए इस फैसले के फायदे

SEBI द्वारा AOPs को डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की अनुमति देने से उन्हें कई फायदे होंगे:

सुरक्षा और सुविधा: सिक्योरिटीज को डिजिटल रूप में रखना अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होता है। इसमें कागजी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती, जिससे धोखाधड़ी और चोरी की संभावना कम हो जाती है।

आसान व्यापार: AOPs को अब आसानी से अपनी सिक्योरिटीज का ट्रेडिंग और लेन-देन करना संभव होगा।

निवेश में पारदर्शिता: डिजिटल सिस्टम के माध्यम से निवेश की पूरी जानकारी ट्रैक की जा सकती है, जिससे पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।

बेहतर रिकॉर्ड कीपिंग: डिजिटल अकाउंट्स के माध्यम से AOPs को अपने सिक्योरिटीज के लेन-देन का रिकॉर्ड आसानी से मिल जाएगा, जो भविष्य में उपयोगी हो सकता है।

SEBI के इस फैसले का भारतीय वित्तीय बाजार पर प्रभाव

SEBI के इस फैसले से भारतीय वित्तीय बाजार में निवेशकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि अब AOPs को भी निवेश के नए अवसर मिलेंगे। इससे पूंजी बाजार में अधिक गतिशीलता आएगी और निवेशकों के बीच विश्वास और पारदर्शिता में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, यह कदम वित्तीय बाजार के डिजिटलीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। SEBI का यह कदम भारतीय वित्तीय प्रणाली को और भी अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाएगा।

SEBI द्वारा एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स को डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज रखने की अनुमति देना भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल AOPs को व्यापार और निवेश में आसानी होगी, बल्कि भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों के लिए एक नया अवसर भी खुला है। यह कदम भारतीय वित्तीय बाजार को और अधिक समृद्ध और संगठित बनाएगा, साथ ही निवेशकों के विश्वास को भी मजबूत करेगा 

लाइव अपडेट
Advertisement
‘अगले PM योगी अंकल बनेंगे’ ! 9 साल की बच्ची की तगड़ी भविष्यवाणी !
Advertisement