गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग को दिखा दी औकात, एंडरसन को मजबूरन कंपनी करनी पड़ी बंद?
Hindenburg Research Founder: यह वही कंपनी है, जिसकी एक रिपोर्ट ने अडानी समूह की बैंड बजा दी थी। साथ ही पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। वहीं अब हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करके कंपनी बंद करने का फैसला लिया है।

Hindenburg Research Founder: हिंडनबर्ग रिसर्च के सस्थापक नाथन एंडरसन ने चौकाने वाला फैसला लेते हुए कंपनी को हमेशा के लिए अलविदा करने का फैसला लिया है। यह वहीं कंपनी है, जिसकी एक रिपोर्ट ने अडानी कंपनी की बैंड बजा दी थी। साथ ही पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। वहीं अब हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करके कंपनी बंद करने का फैसला लिया है। इस सोशल मीडिया के इमोशनल पोस्ट में एंडरसन ने अपनी पूरी ज़िंदगी के बारे में बता दिया है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....
एंडरसन ने पिछले साल ही लिया था बंद करने का फैसला
नाथन एंडरसन ने होने पोस्ट में बताया की ''मैंने पिछले साल के अंत में ही अपने परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ ये बात शेयर कि थी कि मै हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय ले रहा हू। हमने जो विचार और मकसद तय किए थे , उन्हें पूरा करने के बाद इसे खत्म करना ही था। आज आखिरी मामलों को नियामकों के साथ शेयर करने के बाद वो दिन आ गया है। जब में पूरी दुनिया के सामने अपना यह फैसला रख रहा हू।''
एंडरसन ने अपने संघर्ष और उपलब्धियों को गिनाया
एंडरसन ने अपनी इस इमोशनल पोस्ट -''में अपने जीवन की पूरी संघर्ष और उपलब्धियों को गिनाने के कोशिश की है।'' उन्होंने अपना संघर्ष भी बताया और उपलधियाँ भी गिनवाई। एंडरसन ने अपने शुरुआती संघर्ष को बताते को कहा की - ''मुझे शुरू में नहीं पता था कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता खोजना संभव होगा , यह एक आसान विकल्प नहीं था , लेकिन में इस खतरे को नहीं भाप पाया और बहुत तेजी से इस काम की और आकर्षित हुआ।'' जब मैंने इसको शुरू किया था तब मुझे खुद पर शंका थी की क्या मै इसके लिए सक्षम हू। क्योकि मेरे पास इसके लिए कोई पारंपरिक अनुभव नहीं था। मेरा कोई भी रिश्तेदार इस क्षेत्र में नहीं है। ''मै एक सरकारी स्कूल में गया था।मै एक चालाक विक्रेता नहीं हू। मुझे पहनने के लिए सही कपड़ो के बारे में नहीं पता है। मै गोल्फ नहीं खेल सकता हू। मै कोई सुपरमैन नहीं हू , जो 4 घंटे की नींद लेकर काम कर सकता है।''
मेरे पास बचे पैसे भी खत्म हो गए थे - एंडरसन
उन्होंने आगे कहा - ''में ज्यादातर नौकरियां में एक अच्छा कर्मचारी था। लेकिन ज्यादातर में मेरी अनदेखी की जाती थी। जब मैंने ये काम शुरू किया था तो मेरे पास पैसे नहीं थे। गेट से बाहर निकलते ही 3 मुकदमे लगने के बाद मेरे पास बचे पैसे भी खत्म हो गए है।'' अगर मुझे विश्व स्तरीय व्हिस्लब्लोवर वकील ब्रयान वुड का समर्थन न मिलता , जिन्होंने मेरे वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद मामले को संभाला , तो शुरूआती लाइन पर ही असफल हो जाता।
एंडरसन ने अडानी ग्रुप पर भी दिए तीखे बयान
हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर ने कहा कि - ''हम सभी ने सटीकता और सबूतों पर फोकस किया हमने एसी लड़ाइयां लड़ी जो हममे से किसी भी व्यक्ति के लिए बड़ी होती है। धोकाधड़ी , भर्ष्टाचार और नकारत्मकता अक्सर भारी लगती है। लेकिन हमने कर दिखाया।'' हमने कई साम्राज्य हिला डाले - ''बता दें , इसमें अडानी ग्रुप भी शामिल है''। जिसके खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को काफी नुक्सान पहुंचाया था।
कंपनी को बंद करने का व्यक्तिगत निर्णय बताया
हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने के लिए फाउंडर एंडरसन ने एक व्यक्तिगत निर्णय बताया है। नाथन एंडरसन ने कहा - ''इस फैसले के पीछे कोई ख़ासा रीज़न नहीं है। न ही कोई बड़ा मुद्दा है अभी हम अगले 6 महीने तक काम करेंगे , इसमें में हमारे मॉडल के हर पहलू और हम अपनी जांच कैसे करते है , इसे ओपन करने के लिए सामग्री और वीडियो की एक शृंखला पर काम करने की योजना बना रहा हू। एंडरसन ने इस पोस्ट में अपने दोस्तों और टीम को धन्यवाद भी किया है।''
2017 में की थी हिंडनबर्ग की शुरुआत
नाथन एंडरसन जिन्होंने 2017 में हिंडनबर्ग की शुरुआत की थी।बुधवार को प्रकाशित एक वेबसाइट पोस्ट में काम की 'काफी गहन और कभी कभी सर्वयापी' प्रकारित को अपने निर्णय का कारण बताया नाथन एंडरसन ने एक पत्र में लिखा - कोई एक विशेष बात नहीं है - कोई विशेष खतरा नहीं है।
कंपनियों पर लगाए थे ये आरोप
40 वर्षीय एंडरसन ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित करके अंतराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी थी , जिसमे गौतम अडानी के अडानी समूह पर - कॉर्पोरटे इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया गया था।