भारत सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे उपभोक्ताओं के अधिकारों को और अधिक मजबूती मिलेगी। केंद्र सरकार ने हाल ही में मेटा (Facebook, Instagram, WhatsApp) जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ एक समझौता किया है, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही मिल सके। यह समझौता मुख्य रूप से डिजिटल प्लेटफार्मों पर उपभोक्ताओं की रक्षा को लेकर है, जिसमें झूठी जानकारी, धोखाधड़ी और अन्य प्रकार के अनुशासनहीन व्यवहार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की बात कही गई है।
उपभोक्ता संरक्षण के लिए मेटा के साथ समझौता
यह समझौता केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय और मेटा के बीच हुआ है, जिसमें मेटा को उपभोक्ता सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिक जिम्मेदार बनाने पर सहमति जताई गई है। इसके तहत मेटा ने अपनी नीतियों को और अधिक पारदर्शी बनाने, उपयोगकर्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देने और धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में उचित कदम उठाने का वचन दिया है। साथ ही, मेटा को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी प्लेटफार्मों पर उपभोक्ताओं के खिलाफ होने वाली धोखाधड़ी और गुमराह करने वाली विज्ञापनों को सख्ती से नियंत्रित करे।
उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना
केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों के बढ़ते उपयोग के मद्देनज़र। मेटा के साथ इस समझौते से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं के लिए एक सुरक्षित और जवाबदेह वातावरण बन सकेगा। इसके तहत कंपनियों को उपभोक्ताओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधियों की सूचना देने और उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
गलत जानकारी और धोखाधड़ी से सुरक्षा
इस समझौते में मेटा को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या धोखाधड़ी को रोकने के लिए और अधिक कड़े कदम उठाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपभोक्ता कोई भी निर्णय लेते समय सही जानकारी प्राप्त करें और उनकी सुरक्षा को खतरा न हो। इसके अलावा, उपभोक्ताओं के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को लेकर भी कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मेटा को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपयोगकर्ता के डेटा का दुरुपयोग न हो और उनका व्यक्तिगत जानकारी केवल वैध उद्देश्यों के लिए ही इस्तेमाल हो।
उपभोक्ता संरक्षण के लिए सरकार का दृष्टिकोण
केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 को प्रभावी बनाने के बाद कई कदम उठाए हैं, ताकि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की पूरी जानकारी हो और उन्हें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का सामना न करना पड़े। उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं, जिनमें ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली, उपभोक्ता जागरूकता अभियान और धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को आसान बनाना शामिल है।मेटा के साथ यह समझौता उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत में डिजिटल उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा मिलेगी और उनका विश्वास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में बढ़ेगा